गर्मी के मौसम में कूलर हमारे घरों में ठंडी हवा का सबसे सस्ता और आसान तरीका बन जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कूलर के पानी को समय पर नहीं बदला जाए, तो ये हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है? बहुत से लोग इसी छोटी सी बात को नजरअंदाज कर देते हैं, और यही सबसे आम गलती बन जाती है. यहां जानें कि कूलर के पानी को कब और क्यों बदलना जरूरी है.
गर्मियों में कूलर का पानी कब बदलें?
- हर 2 से 3 दिन में बदलें पानी: गर्मियों में कूलर का पानी जल्दी गंदा हो जाता है. इसलिए हर 2 से 3 दिन में एक बार पानी जरूर बदलें. अगर मौसम बहुत गर्म है या हवा में धूल ज्यादा है, तो डेली पानी बदलना और भी बेहतर है.
- गंदा पानी फैला सकता है बीमारियां: जब पानी लंबे समय तक कूलर में जमा रहता है, तो उसमें बैक्टीरिया, मच्छर और फफूंदी पनपने लगती है. इससे सांस की दिक्कत, एलर्जी और मलेरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
- ठंडी हवा पर असर: गंदा या पुराना पानी ठंडी हवा नहीं दे पाता. अगर पानी साफ और ताजा होगा, तो कूलर से ठंडी और ताजगी भरी हवा मिलेगी.
- कूलर की उम्र भी घटती है: अगर पानी को समय पर नहीं बदला जाए तो कूलर की मोटर, पंप और पैड्स जल्दी खराब हो सकते हैं. इससे कूलर जल्दी खराब हो सकता है और खर्चा भी बढ़ जाता है.
- साफ-सफाई का रखें ध्यान: पानी बदलते वक्त कूलर की टंकी और पैड्स को भी साफ करें. इससे कूलर से आने वाली हवा हमेशा फ्रेश और हेल्दी बनी रहेगी.
अगर आप चाहते हैं कि आपका कूलर अच्छी ठंडी हवा दे और आपके परिवार की हेल्थ भी बनी रहे, तो कूलर के पानी को रेगुलर बदलना बहुत जरूरी है. ये एक छोटी सी आदत है, लेकिन बहुत बड़ा फर्क डालती है.
ये गलती करने से बचें
कई लोग कूलर के पानी को हफ्तों तक या पूरे सीजन में नहीं बदलते, जिससे बैक्टीरिया और फंगस बढ़ जाते हैं. ये गलती करने से बचें. कूलर का सिर्फ पानी बदलना काफी नहीं होता, टंकी और पैड्स को भी साफ करना जरूरी है. कभी-कभी कई लोग सीधे टंकी में नल या गंदा पानी डाल देते हैं, जिससे कूलर खराब हो सकता है और हवा भी गंदी आती है. गर्मी के मौसम में डेली कूलर के सरफेस और आस-पास की सफाई न करने से धूल और मच्छर बढ़ जाते हैं. पुराने और गंदे पैड्स से ठंडी हवा नहीं आती और वे सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकते हैं.